नदी की धारा के बीच भीमकाय चट्टानों को देखने पर मन में एक प्रश्न कौंध उठता है! आखिर नदी की धारा किस प्रकार कठोर चट्टानों को चीरते हुए अपना रास्ता बना कर अविरल बहती जाती है! लोग यही कहेंगे कि नदी के पानी के बहाव में बेजोड़ ताकत होती है और इससे चट्टाने टूट जाती है , किन्तु इस प्राकृतिक घटना के इससे भी अधिक तर्क संगत उत्तर है !पानी का तेज़ बहाव निरंतर और ाथक रूप से चट्टान पर प्रहा र करता रहता है !
और अंतत;नदी सफल होती है
इसमें मानव के लिए सफलता का एक दर्शन है जो नजर अंदाज़ कर दिया जाता है मानव का जनम एक अद्धभूत और अनोखे जीव के रूप में होता है ,लेकिन समय के साथ वह कमजोरियों का शिकार होता जाता है! वह खुद में समाहित अद्धभूत शक्ति और अपार सम्भावनाओ के प्रति अविश्वास शुरू कर देता है! वह अंततः अपने जीवन में देखे गए सपनों को साकार करने के लिए प्रयास ही करना छोड़ देता है 1 हाथी के बच्चे को शुरू में मोटी जंजीरो से बांधा जाता है वह उस जंजीर को तोड़कर सवतंत्र होने के लिए जी जान से प्रयास करता है,लेकिन असफल रहता है 1 शिशु हाथी के जीवन की यही हार भविष्य में उसकी नियति बन जाती है ! बड़ा होने पर चाहे उसे किसी धागे से भी क्यों ना बांधा जाए ,वह उसे तोड़कर आज़ाद होने के लिए प्रयास ही नहीं करता 1
शिशु हाथी की तरह हम सब भी अपने जीवन में कई छदम मानसिक बाधाओ से ग्रसित होते है जो हमारे सफल होने के लिए प्रयास करने की राह में बहुत बड़े अवरोध के रूप में कार्य करते है 1 महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन का हजारो बार असफल होने के बावजूद बिजली के बल्ब के आविष्कार की सफलता में हमारे लिए ये सन्देश अमिट होकर रह जाता है कि जीवन में सफलता के लिए खुद की क़ाबलियत पर अगाध विश्वास से दूसरी बड़ी कोई चीज़ नहीं है 1 खुद में विश्वास को अटूट रखते हुए सफल होने के लिए निरन्तर प्रयास में ही सफलता का मूल मंत्र छिपा होता है 1 उस पर अवश्य गौर करना चाहिए !
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